भारत देश के ६९ प्रतिशत मतदताओंका प्रतिनिधित्व करती है कांग्रेस !
हमारे भारत देश की राजनिती, आज देश को एक ऐसे मोड़ पर ले आई है, जहाँ से हमारे देश के सामाजिक भविष्य का अनुमान लगाना, लगभग, असंभव हो गया है। हमारे भारत में, सनातन काल से ही, अनेक धर्म, जाती तथा विभिन्न वर्ण सम्प्रदाय के लोग पाये जाते है, जैसे के देव, दानव, मानव, ऋषि और यक्ष इत्यादि, और उसी प्रकार, आज भी, हमारे भारत देश में, हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और बौद्ध, जैन इत्यादि धर्मों का, मुख्य रूप में समावेश है। ऐसे में, साम्यावस्था, अर्थात, सर्व-धर्म सम-भाव वाली, धर्म-निरपेक्ष विचारधारा की जरुरत , जीतनी, उस सनातन काल में महत्व पूर्ण थी, उतनीही आज भी है। किन्तु, आज विडम्बना यह है, के हमारे देश के, केंद्रीय सरकार में स्थित भारतीय जनता पार्टी, और उसकी सांप्रदायिक विचारधारा का स्रोत, जो निश्चित ही, आरएसएस द्वारा प्रेरित है, और जो सिर्फ और सिर्फ, 'हिन्दुत्व' और "राम मंदिर " के इर्द-गिर्द ही, घूमता हुआ सा दिखाई देता है।
दोस्तों मै आपसे पूछना चाहता हूँ, के क्या, केवल, आरएसएस और बीजेपी की सांप्रदायिक विचारधारा में विश्वास रखने वाले ही, हिन्दू कहलाने के हक़दार है ? और, अगर यह सच है, तो फिर, २०१४ के इलेक्शन कमिशन के आंकड़ों के अनुसार, समस्त भारत देश के वोट देने वाले, उन ६९% हिन्दुओं का क्या ? जो एक प्रचंड मात्रा में कांग्रेस तथा अन्य पार्टियों में समाहित है, क्या उन्हें हिन्दू कहलाने का अधिकार प्राप्त नहीं है ? आज देश के सामने एक बड़ा सवाल यह है, के क्या ? आरएसएस, और बीजेपी द्वारा बताया जाने वाला, 'हिन्दुत्व वाद' ही, हमारे सनातन और शास्वत, हिन्दू धर्म को, पूर्ण रूप से, परिभाषित करने में समर्थ है ? या फिर यह भी एक ऐसीही हठवादी विचारधारा है, जो प्रजापति दक्ष द्वारा , देवों के देव, महादेव भोलेनाथ के विरुद्ध रचाई गई थी।
यह सत्य है, के कांग्रेस पार्टी, केवल एक राजनितिक दल नहीं है, बल्की, सभी धर्मोंको एक-समान समझते हुए, धर्म-निरपेक्षता को धारण करने वाली, एक शास्वत और सनातन विचारधारा है।
दोस्तों ! हमारी कांग्रेस पार्टी, आकाश के उस सूरज की तरह शास्वत है, जिसके तेज-स्वरुप को, कुछ समय के लिए, विरोधी पार्टियों के षड़यंत्र रूपी काले बादल, ढँक तो सकते है , किन्तु उसे मिटाना, असंभव है।
बीजेपी के खिलाफ लड़ने के लिए, इस तरह से छोटे मोटे आंदोलनों से और सरकारी और कानूनी यंत्रणा के सामने, और वक्त बे वक्त, मिडिया के सामने, गिड़गिड़ाकर काम नहीं बनने वाला, हम कॉंग्रेसियों को, डिफेन्सिव भूमिकाको त्याग कर आक्रामक तरीकेको अपनाना होगा।
अगर, बीजेपी के इस भस्मासुरी साम्राज को, उखाड़ फेंकना है, तो सबसे पहला वार, हमें बीजेपी की लोकप्रियता को तोड़नेके लिए करना होगा, लोकप्रियताके घटतेही, बीजेपी की बुद्धिमत्ता को परास्त करना आसान होगा, ऐसा होतेही सत्ताके रूपमे बढ़ी हुई बीजेपी की शक्ति कमजोर पड़ जाएगी, और फिर, बीजेपी की बहादुरी और दुस्साहस को, हर मुकाम पर तोडा जा सकेगा, ऐसे हलातोंसे, बाहर निकलनेके लिए बीजेपी की, मक्कारी से कमाई दौलत भी काम नहीं करेगी , और उसी समय इस भस्मासुरी बीजेपी को जड़से मिटाना संभव हो सकेगा।
लेकिन दोस्तों, साधारण तरीके से, इस रणनिती पर, काम करने के लिए, जितना समय लगेगा, उतना समय, हमारे पास इस वक्त नहीं है, क्योकि २०१९ के इलेक्शन की दस्तक हो चुकी है, अब केवल किसी ब्रम्हास्त्र की तरह अनुसन्धान करके चलाया गया बाण ही, कांग्रेस को जिताने में निर्णायक भूमिका निभा सकेगा।
ये रहा वह ब्रह्मास्त्र .........
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